Syngenta Ivory White Radish सिंजेंटा आइवरी व्हाइट मूली: खेती और देखभाल

Syngenta Ivory White Radish: सिंजेंटा आइवरी व्हाइट मूली एक उत्कृष्ट हाइब्रिड किस्म है जो अपने सफेद और चिकने जड़ों के लिए प्रसिद्ध है। यह मूली जल्दी परिपक्व होती है और इसमें फलों का वजन 250-400 ग्राम होता है। इस किस्म की खेती की विशेषताएं और आवश्यकताएं निम्नलिखित हैं:

मूली की विशेषताएं

  • जड़ों का रंग: सफेद
  • जड़ों का आकार: 10-12 इंच लंबा
  • जड़ों का वजन: 250-400 ग्राम
  • परिपक्वता: 45-50 दिन (प्रारंभिक परिपक्वता हाइब्रिड)

अनुशंसित राज्य और मौसम

सिंजेंटा आइवरी व्हाइट मूली की खेती विभिन्न राज्यों में निम्नलिखित मौसमों में की जा सकती है:

मौसमअनुशंसित राज्य
खरीफAP, AS, BR, CT, DL, GJ, HR, HP, JK, JH, KA, MP, MH, OR, PB, RJ, TN, UP, WB, TR
रबीAP, AS, BR, CT, DL, GJ, HR, HP, JK, JH, KA, MP, MH, OR, PB, RJ, TN, UP, WB, TR
Syngenta Ivory White Radish

बुवाई और अंकुरण

बीज दर और विधि:
सिंजेंटा आइवरी व्हाइट मूली की खेती के लिए बीज की दर और बुवाई विधि निम्नलिखित है:

खाद की मात्रा और समय:
सिंजेंटा आइवरी व्हाइट मूली की अच्छी उपज के लिए निम्नलिखित मात्रा और समय पर खाद दी जानी चाहिए:

खाद का प्रकारमात्रा (kg/acre)समय
कुल N:Pआवश्यकता50:50:50
बेसल डोजसभी P और K + 50% Nअंतिम भूमि तैयारी के दौरान
टॉप ड्रेसिंग50% Nबुवाई के 20 दिन बाद
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Syngenta Ivory White Radish की खेती के लाभ

  1. जड़ की गुणवत्ता: सिंजेंटा आइवरी व्हाइट मूली की जड़ें सफेद और चिकनी होती हैं, जो बाजार में अधिक मांग में होती हैं।
  2. लंबे समय तक मिट्टी में रहने की क्षमता: यह किस्म परिपक्वता के बाद भी मिट्टी में लंबे समय तक रह सकती है, जिससे फसल कटाई का समय बढ़ाया जा सकता है।
  3. उच्च उपज: उचित देखभाल और उर्वरक प्रबंधन के साथ, इस किस्म की मूली से उच्च उपज प्राप्त की जा सकती है।
  4. रोग प्रतिरोधक क्षमता: यह किस्म विभिन्न फसली रोगों के प्रति उच्च प्रतिरोधकता रखती है, जिससे फसल की सुरक्षा बढ़ती है।
Syngenta Ivory White Radish सिंजेंटा आइवरी व्हाइट मूली: खेती और देखभाल
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Syngenta Ivory White Radish खेती के दिशा-निर्देश

  1. भूमि की तैयारी: मूली की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। खेत को अच्छी तरह से जुताई करें और मिट्टी को बारीक कर लें।
  2. बुवाई का समय: खरीफ मौसम में जून से जुलाई और रबी मौसम में अक्टूबर से नवम्बर के बीच बुवाई करें।
  3. सिंचाई: बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें। फसल की अवस्था के अनुसार नियमित अंतराल पर सिंचाई करते रहें।
  4. फसल सुरक्षा: कीट और रोगों से बचाव के लिए उचित फसल सुरक्षा उपाय अपनाएं। फसल को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों और बीमारियों की समय पर पहचान करें और आवश्यक रसायनों का उपयोग करें।

खेती के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  1. गुड़ाई और निराई: फसल के अच्छे विकास के लिए निराई-गुड़ाई करें। यह न केवल खरपतवार नियंत्रण में मदद करता है, बल्कि मिट्टी में हवा की आवाजाही को भी बढ़ाता है।
  2. उर्वरक प्रबंधन: फसल की वृद्धि के विभिन्न चरणों में आवश्यक उर्वरकों का सही मात्रा में प्रयोग करें।
  3. फसल की कटाई: जब मूली की जड़ें पूर्ण रूप से विकसित हो जाएं, तब उन्हें सावधानीपूर्वक उखाड़ें। कटाई के बाद मूली को साफ पानी से धोकर पैकिंग करें और बाजार में भेजें।

निष्कर्ष

सिंजेंटा आइवरी व्हाइट मूली एक उच्च गुणवत्ता वाली हाइब्रिड किस्म है जो किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। उचित कृषि प्रथाओं का पालन करके, इस किस्म से उच्च उपज और बेहतर गुणवत्ता प्राप्त की जा सकती है। यह किस्म न केवल बाजार में उच्च मांग में है, बल्कि यह किसानों को अच्छा मुनाफा भी देती है। उचित देखभाल और प्रबंधन के साथ, किसान इस किस्म की खेती से अच्छी उपज और आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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